Measuring and Marking tools | माइक्रोमीटर(Micrometer) | Measuring tools name and its definition in hindi
Measuring and Marking tools
Try-Square
ट्राई – स्क्वायर ( Try-Square ) : ट्राई – स्क्वायर एक चैकिंग टूल है जिसकी सहायता से हम समकोण की जांच करते है। मशीनिस्ट आमतौर पर कार्य करते समय इसका प्रयोग करते है। इसका प्रयोग जॉब की मार्किग करते समय समानांतर तथा लम्बवत रेखाएं खींचने के लिए किया जाता है। इसकी साइज इसके ब्लेड की लम्बाई से लिया जाता है।
यह दो प्रकार के होते है :-
1 . साधारण ट्राई – स्क्वायर।
2 . मास्टर ट्राई – स्क्वायर।
कॉम्बिनेशन सेट:-
यह मशीन शॉप या फिटिंग शॉप का अत्यन्त उपयोगी उपकरण है। इसमें तीन भाग होते है –
1 – स्क्वायर हैड
- प्रोट्रेक्टर हैड
- सेंटर हेड
यह आवश्यकतानुसार किसी भी हैड को स्टील रूल पर पर लगाकर प्रयोग किया जा सकता है। इसमें प्रयोग होने वाले स्टील रूल में मार्किंग की पिछली सतह पर एक ग्रूव बना होता है।, जिसमे इन तीनो हैड ४ में लगी लॉकिंग पिन का एक सिरा फसा होता है।इसकी सहायता से हैड्स को किसी भी स्थान पर लॉक किया जा सकता है। यह स्टील रूल 20 सेमी से 60 सेमी की लम्बाई में होती है।
कॉम्बिनेशन सेट की साइज स्टील रूल की लम्बाई क्र द्वारा ही दिया जाता है।
वेर्नियर कैलीपर्स
वेर्नियर कैलीपर्स का अविष्कार फ्रांस के एक वैज्ञानिक पैरी वेर्नियर ने किया था। उसी के नाम पर इस कैलीपर्स का नाम वेर्नियर कैलीपर्स पड़ा। वेर्नियर कैलीपर्स के द्वारा बाहरी ,आंतरिक तथा गहराई तीनो प्रकार की माप किया जा सकता है।
यह साधारणत : निकिल , क्रोमियम स्टील , वेनेडियम स्टील के बने होते है।
वाइस ( Vice)
“कर्मशाला में किसी जॉब को पकड़ने के लिए जो साधन प्रयोग में लिया जाता है, उसे बॉक (vice ) कहते है” इसमें जॉब को पकड़ कर भिन्न – भिन्न संक्रियाएँ ( operation ) कर सकते है। जैसे :- फाइलिंग ,ड्रिलिंग ,मिलिंग और मशीनिंग आदि संक्रियाएँ किये जा सकते है। Measuring and Marking tools
वाइस का साइज इसके जॉब की चौड़ाई से लिया जाता है।
वाइस निम्नं प्रकार के होते है :-
- बेंच वाईस
- मशीन वाईस
- पाइप वाईस
- लैग वाईस
- हैंड वाईस
- पिन वाईस
- स्पेशल वाईस
बेंच वाईस
इसे पैरेलल जॉ बैंच वाईस भी कहते है। इसका प्रयोग कर्मशाला में सबसे अधिक होता है। इसे नट और बोल्ट द्वारा बैंच पर कस दिया जाता है।
सी क्लैंप ( ‘C’ Clamp )
इसका आकर इंग्लिश के अक्षर “C ” की तरह होता है। इसके एक किनारे पर स्क्रू लगा होता है। इस स्क्रू के आगे एक यूनिवर्सल जॉ लगा होता है स्क्रू को चलने के लिए एक हैंडल होता है। इसका प्रयोग गोलाकार, टेपर, या टेड़े – मेढे जॉब को पकड़ने के लिए किया जाता है। इसकी बॉडी कास्ट स्टील की फोर्ज की हुई या कास्ट आयरन का बना होता है।
इसमें बड़े से बड़ा जितना साइज पकड़ा जा सकता है वही उस ‘C ‘ क्लैंप की साइज होती है।
इसका प्रयोग फेब्रीकेशन के कार्यो में अधिक किया जाता है। कभी – कभी दो भागो में आपस में जोड़ते समय उन्हें ‘C ‘ क्लैंप का उपयोग किया जाता है। Measuring and Marking tools
माइक्रोमीटर(Micrometer)
यह एक सूक्ष्ममापी यंत्र है, जिसके द्वारा किसी जॉब को मीट्रिक में 0.01 मि.मी तक और इंग्लिश प्रणाली में 0.001 इंच या इससे भी अधिक सूक्ष्मता में मापा जा सकता है। माइक्रोमीटर का अर्थ होता है – माइक्रो =सूक्ष्म या बारीक़ तथा मीटर = मापन
इसका अविष्कार फ्रांस के जीन पालमर (Jean Palmer ) ने सन 1848 ई0 में किया था।
माइक्रोमीटर स्क्रू थ्रैड की पिच ( pitch ) के सिद्धांत ( principle ) पर बनाया गया है और जो नट और बोल्ट की तरह कार्य करता है इस लिए इसे स्क्रू गेज के नाम से भी पुकारा जाता है।
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