What is Atomic Theory |डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त

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प्रश्न – (What is Atomic Theory) परमाणु सिद्धान्त क्या है ? डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए। अथवा |डाल्टन ने परमाणु की क्या संकल्पना दी?

परमाणु सिद्धान्त क्या है ? “What is Atomic Theory ?”

परमाणु सिद्धान्त

पदार्थ की संरचना के विषय में प्राचीनकाल से ही वैज्ञानिक और दार्शनिक कल्पना करते आए हैं। भारतीय दार्शनिक महर्षि कणाद (800 ई० पू०) ने बताया कि द्रव्य अत्यन्त सूक्ष्म अविभाज्य कणों से बना है । ये सूक्ष्म कण परस्पर मिलकर बड़े कण द्विअणुक तथा त्रिअणुक परमाण्वीय यौगिक बनाते हैं। इन कणों के गुणों की दार्शनिक व्याख्या वैशेषिक दर्शन में संकलित है।

What is Atomic Theory
What is Atomic Theory

ग्रीस के दार्शनिक लूसिपस (475 ई० पू०) तथा डिमोक्राइट्स (460-370 ई. पू.) ने भी यही कल्पना की थी कि परमाणु द्रव्य का सूक्ष्मतम अविभाज्य कण है । उस समय इन विचारों की सत्यता को प्रयोगों के द्वारा प्रमाणित नहीं किया जा सका। बाद में,वैज्ञानिकों ने बताया कि ये सूक्ष्म कण परमाणु (atom) हैं, जिनके संयोग अथवा प्रतिस्थापन से नए पदार्थ बनते हैं। पदार्थ (द्रव्य) की संरचना के इस अनुमान को परमाणु सिद्धान्त कहा जाता है। कोई भी वैज्ञानिक अठारहवीं शताब्दी के अन्त तक इन सूक्ष्म कणों के विषय में स्पष्ट विचार न दे सका।

डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए।“Explain Dalton’s atomic theory”

डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त

द्रव्य की संरचना का विधिवत तथा गहन अध्ययन करने के पश्चात सर्वप्रथम मानचेस्टर (इंग्लैण्ड) के न्यू कॉलेज के अध्यापक जॉन डाल्टन ने 1808 ई० में द्रव्य की संरचना तथा परमाणु सम्बन्धी एक सुव्यवस्थित विचार अपनी परिकल्पनाओं में प्रस्तुत किया जिसे डाल्टन का परमाणुवाद (Dalton’s atomic theory) कहा जाता है ।

डाल्टन ने इस बात की पुष्टि की कि पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना है। उन्होंने अपनी परिकल्पनाओं के आधार पर इन सूक्ष्मतम कणों को रासायनिक क्रिया में भाग लेने वाला अविभाज्य कण कहा और उन्हें परमाणु (atom) की संज्ञा दी। डाल्टन की परिकल्पनाओं के आधार पर रासायनिक संयोग के नियमों के साथ-साथ अन्य कई नियमों की व्याख्या की गई तथा उन्हें प्रयोगों के द्वारा सत्यापित भी किया गया।

इस सिद्धान्त की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं

(i) पदार्थ या तत्व अनेक सूक्ष्म कणों से बना है, जिन्हें परमाणु कहते हैं ।

(ii) परमाणु तत्व का सूक्ष्मतम कण है, जिसे विभाजित नहीं किया जा सकता है तथा रासायनिक क्रिया के दौरान ज्यों-का-त्यों बना रहता है ।

(iii) एक तत्व के सभी परमाणु भार,आकार व अन्य गुणों में समान होते हैं

(iv) विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के भार व गुण भिन्न-भिन्न होते हैं । (v) दो अथवा दो से अधिक तत्वों के परमाणु छोटी-छोटी पूर्ण संख्या में,निश्चित अनुपात में संयुक्त होते हैं तथा यौगिक-परमाणु बनाते हैं। ।

(vi) एक ही यौगिक के सभी यौगिक-परमाणु समान होते हैं।

(vii) परमाणु अविनाशी है अर्थात् इसे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। अत: डाल्टन के परमाणुवाद के आधार पर, परमाणु तत्व का वह छोटे-से-छोटा अविभाज्य कण है जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है।

प्रश्न आधुनिक परमाणु सिद्धान्त को स्पष्ट करते हुए परमाणु तथा अणु की आधुनिक परिभाषाएँ लिखिए।

आधुनिक परमाणु सिद्धान्त

उत्तर: उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त तथा बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ तक थॉमसन, रदरफोर्ड चैडविक आदि वैज्ञानिकों के प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध हो चुका था कि परमाणु तत्व का अविभाज्य सूक्ष्मतम कण नहीं है, बल्कि इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन आदि कणों से मिलकर बना है । इस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक खोजों के फलस्वरूप डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त में कई महत्त्वपूर्ण परिवर्तन एवं संशोधन किए गए,जो निम्नलिखित हैं

1. परमाणु विभाज्य है-परमाणु अविभाज्य नहीं है बल्कि इलेक्ट्रॉन,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन आदि मूल कणों से बना है और उनमें विभाजित भी हो सकता है ।

  1. एक तत्व के सभी परमाणु भिन्न-भिन्न परमाणु भारों के हो सकते हैं—एक ही तत्व के परमाणु भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के भी हो सकते हैं। ऐसे परमाणुओं को समस्थानिक (isotopes) कहा जाता है; जैसे—क्लोरीन के दो प्रकार के परमाणु होते हैं, जिनके परमाणु भार क्रमश:35 व 37 हैं। इसी प्रकार हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक प्रोटियम,ड्यूटीरियम तथा ट्राइटियम होते हैं। इनके परमाणु भार क्रमशः 1, 2 और 3 होते हैं।
  2. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भार समान हो सकते हैं– भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के परमाणु भार समान भी हो सकते हैं; जैसे-आर्गन और कैल्सियम दोनों का परमाणु भार 40 है, परन्तु ये दोनों भिन्न-भिन्न तत्व हैं। ऐसे परमाणु समभारी (isobars) कहलाते हैं ।
  3. यौगिक परमाणु नहीं, अणु हैं—डाल्टन के अनुसार, यौगिक वास्तव में अणु (molecule) हैं, परमाणु नहीं। तत्वों के परमाणु संयोग करके अणु बनाते हैं,यौगिक-परमाणु नहीं।
  4. परमाणुओं के संयोजन का अनुपात सरल होना आवश्यक नहीं है डाल्टन के अनुसार, परमाणु सरल संख्यात्मक अनुपातों में संयुक्त होकर यौगिक बनाते हैं, लेकिन यौगिक में तत्वों के परमाणुओं में सरल गुणित अनुपात होना अनिवार्य नहीं है। अनेक कार्बनिक यौगिक प्रोटीन,स्टार्च आदि में यह अनुपात सरल नहीं होता।
  5. तत्व का मूल लक्षण उसका परमाणु क्रमांक है,न कि परमाणु भार।
  6. यद्यपि परमाणुओं को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट,परन्तु नाभिकीय विखण्डन द्वारा एक तत्व के परमाणुओं को दूसरे तत्व के परमाणुओं में बदला जा सकता है।
  7. रासायनिक अभिक्रिया परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों के आदान-प्रदान या परस्पर साझे द्वारा ही होती है।

परमाणु की आधुनिक परिभाषा

परमाणु की आधुनिक परिभाषा -“परमाणु तत्व का वह छोटे-से-छोटा कण है जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है, परन्तु स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है।”

अणु की आधुनिक परिभाषा

अणु की आधुनिक परिभाषा – “अणु किसी पदार्थ (तत्व या यौगिक) का वह सूक्ष्मतम कण है, जिसका स्वतन्त्र अस्तित्व होता है तथा जिसमें पदार्थ के सभी गुणधर्म निहित होते हैं।”

What is Atomic Theory

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